बुधवार, 24 नवंबर 2010

!! सुप्रभात-3 !!

--- सुप्रभात ---
 रेवड़ चले 
जंगल की और
कबूतर 
दाना चुगने आये हैं,
पनिहारिनों ने
राह पकड़ी पनघट की,
पंछियों ने 

मधुर तराने गाये हैं.

प्रकृति कर रही
अमृत की बरसात,
उठिए दोस्तों
सुबह हो गई
" सुप्रभात. "

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