देखता रहा जो 'कटते' मुझकोकल 'उसकी' भी बारी है !मीठा गटक,कडवा 'थू' कर,कहती यही दुनियादारी है !...कड़वी सच्ची बातें बहुत कुछ है आपकी लघु कविता में जो इसकी कामयाबी है .बेहतरीन रचना है .
रफत साहब,आपके अमूल्य विचारों के लिए हार्दिक आभार.
देखता रहा जो 'कटते' मुझको
जवाब देंहटाएंकल 'उसकी' भी बारी है !
मीठा गटक,कडवा 'थू' कर,
कहती यही दुनियादारी है !...कड़वी सच्ची बातें बहुत कुछ है आपकी लघु कविता में जो इसकी कामयाबी है .बेहतरीन रचना है .
रफत साहब,आपके अमूल्य विचारों के लिए हार्दिक आभार.
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