गुरुवार, 28 अप्रैल 2011

!!!!!!! ??? कितने ???? !!!!!!!


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कितने 'राजा'
कितने 'कलमाड़ी'
अब भी
छुट्टे घूम रहे हैं,
लूट कर
मां भारती को
सत्ता के मद में
झूम रहे हैं !
सूटेड-बूटेड
घपलेबाजों की
लंका अब
ढहनी चाहिए,
सड़ी हुयी
व्यवस्था में अब
ताज़ा बयार
बहनी चाहिए.
थोथे कानून
नहीं,
अब तो
ठोस धाराएं
लानी होगी,
संसद की जगह
इन सफेदपोशों को
'हवा'
हवालात की
खिलानी होगी.
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शनिवार, 23 अप्रैल 2011

.जिंदगी सी लम्बी कविता.

 ***** !!....जिंदगी सी लम्बी कविता....!! *****
जिंदगी
बहुत मुश्किल है 
उनके लिए
जो बसते हैं 
फुटपाथों पर,
झोपड़ियों में,
बीस गुणा बीस 
के घरों में
या फिर
दस गुणा 
पन्द्रह के 
फ्लेट में !
भरपेट भोजन,
इलाज़-शिक्षा,
टी.वी.-फ्रिज 
चौपहिये से 
जो 
रहते हैं 
वंचित !
भूख-कुपोषण 
अशिक्षा,
धक्का-मुक्की 
को अभिशप्त !
आधी-अधूरी रोटी,
आधे-अधूरे कपडे,
आधे-अधूरे मकान !
कुल मिला कर 
आधे-अधूरे 
सपने !!
जिंदगी सचमुच 
बहुत ही मुश्किल है 
इनके लिए !!
हाँ......,
मुश्किल जिंदगी की 
ये आसानियाँ भी है
कि 'वे'
एक चादर में 
चार-चार 
समा जाते हैं,
और 
दो रोटी को 
चार जाने मिलकर 
ख़ुशी-ख़ुशी 
खा जाते हैं !
पैबंद लगे कपडे,
फटे जूते
और 
पुराने 'टू-व्हीलर'
पर 
बीबी-बच्चों सहित 
लद कर
किसी 
सेकण्ड क्लास थियेटर में 
थर्ड क्लास सीट पर 
जम कर
मनोरंजन 
लूट सकते हैं,
और जहां चाहें 
सस्ते में 
छूट सकते हैं !!
चार लोगों के सामने 
अपना दुखड़ा रो सकते हैं,
और 
महीने के अंत में 
उधार लेकर 
निश्चिन्त हो सकते हैं !!
खुशियों में 
खुश हो कर 
ग़मों को 
पी सकते हैं,
और 
आधे-अधूरे 
सपनों के साथ 
मज़े से 
जी सकते हैं !!
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जिंदगी 
बहुत आसान है 
उनके लिए 
जो बसते हैं
भवनों में,
बंगलो में,
कोठियों में,
और 
अट्टालिकाओं के 
भव्यतम फ्लेट में !
जिनके पेट 
फट पड़ने को 
आतुर होते हैं 
ठुंसे हुए 
पांच पकवानों से,
जिनकी अलमारियां 
करती हैं 'उल्टियां'
कपड़ों की,
चमचमाते चौपहिये 
भागते हैं 
जिनको लेकर 
सड़कों पर,
और 
बेंक के 'खाते'
व  'लॉकर'
उफन रहे होते हैं
जिनके धन से !!
जिंदगी सचमुच 
बहुत आसान होती है 
इनके लिए !!
हाँ.....,
आसान जिंदगी की 
मुश्किलें भी है !
हर हाल में 
पांच पकवान 
चाहिए,
झूठी ही सही
पर शान चाहिए !
अहम
रोने नहीं देता,
और 
जो सहज है,
होने नहीं देता !!
खाना-पीना,
चलना-फिरना,
उठना-बैठना,
बोलना-सुनना,
सबकुछ
बनावटी है,
रिश्तों की डोर भी 
कटी-कटी है !!
उफ़ !
आसान जिंदगी में 
कितनी मुश्किलें हैं !!
मुश्किल जिंदगी में 
कितनी आसानियाँ हैं !!
शायद........
यक़ीनन......
यही जिंदगी है..........!!!!!!!!!! 
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