गुरुवार, 28 अप्रैल 2011

!!!!!!! ??? कितने ???? !!!!!!!


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कितने 'राजा'
कितने 'कलमाड़ी'
अब भी
छुट्टे घूम रहे हैं,
लूट कर
मां भारती को
सत्ता के मद में
झूम रहे हैं !
सूटेड-बूटेड
घपलेबाजों की
लंका अब
ढहनी चाहिए,
सड़ी हुयी
व्यवस्था में अब
ताज़ा बयार
बहनी चाहिए.
थोथे कानून
नहीं,
अब तो
ठोस धाराएं
लानी होगी,
संसद की जगह
इन सफेदपोशों को
'हवा'
हवालात की
खिलानी होगी.
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