शुक्रवार, 20 जुलाई 2012

'पर' खोले है अभी तो,मेरी उड़ान बाकी है !

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'पर' खोले है अभी तो,मेरी उड़ान बाकी है ! 
नापने को धरती और आसमान बाकी है !! 
हारा हुआ मुझको ना समझ लेना ए दोस्तों, 
होसलों में मेरी अभी तलक जान बाकी है !! 
वो 'मुफलिस' खा रहा भूखों संग मिल-बाँट कर,
 पगला-अजूबा है,उसमें अभी 'इंसान' बाकी है ! 
मुझ पर है क़र्ज़ जिनका,वो सो जाए चैन से, 
है गर्दिश में सितारे मेरे मगर,ईमान बाकी है ! 
तुम ना दोगे पनाह तो कोई बात नहीं 'अशोक'- 
दुनिया में और भी बहुत से मेहरबान बाकी है !

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